लॉकडाउन के चलते लोगों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए पहली बार नगर की सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया। इसके साथ ही सब्जी मंडी की व्यवस्थाओं में भी बदलाव किया गया। मंडी में सिर्फ एक ही गेट से प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही बिना मास्क या गमछा पहले किसानों को प्रवेश नहीं देंगे। आने-जाने वालों को उचित कारण होने पर ही जाने दिया गया। प्रशासन ने नगर के कुछ होटल व्यवसायियों को ऑनलाइन भोजन वितरण के लिए अनुमति देने की बात भी कही है।
पहली बार सीहोर शहर में सख्ती देखने को मिली। मंगलवार दोपहर बाद पुलिस ने प्रमुख जगहों पर बेरिकेड्स लगाकर आने-जाने वाले लोगों को रोक दिया। पुलिस ने कई मार्गों को पूरी तरह से बंद भी कर दिया। कोतवाली चौराहा से भोपाल नाका वाले मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इसी तरह आनंद डेयरी के सामने, कोतवाली चौराहा से बाजार होते हुए लीसा टॉकिज चौराहा और तहसील चौराहा से बाजार में आने वाला मार्ग भी पूरी तरह से बंद कर दिया।
नियमों का उल्लंघन तो अपनी जगह, लेकिन सोशल डिस्टेंस का भी पता नहीं
मंगलवार को दोपहर 2 बजे ब्यावरा की तरफ से पांच परिवार बाइकों पर सवार होकर सीहोर पहुंचे। इनका कहना था कि हम लोग घर-घर जाकर प्लास्टिक का सामान बेचने का काम करते हैं। पिछले कुछ दिनों से गुना और ब्यावरा की तरफ ये अपनी मजदूरी कर रहे थे। इस बीच लॉकडाउन के चलते ये इछावर रोड स्थित डाक पुलिया के लिए मंगलवार सुबह निकले। इसमें खास बात यह थी कि एक तरफ जहां सभी लोगों को साेशल डिस्टेंस में रहने की सीख दी जा रही है, वहीं ये लोग एक बाइक पर चार से छह लोग सवार होकर आ रहे थे। यही नहीं बाइक पर सामान भी बांधा था। ब्यावरा से सीहोर आते समय इनको किसी भी जिम्मेदार ने रोककर यह बताने की जहमत नहीं की कि कोरोना महामारी का सोशल डिस्टेंस से क्या संबंध है।
व्यवस्था में बदलाव
बैठक के दौरान प्रशासन ने सब्जी मंडी की व्यवस्था में बदलाव किया है। एडि. एसपी समीर यादव ने बताया कि कृषि उपज मंडी में सुबह के समय सब्जियों की नीलामी के समय स्थानीय ग्राहक नहीं पहुंच पाएंगे। इसके साथ ही मंडी का सिर्फ एक ही गेट से आवागमन चालू रहेगा। अन्य सभी गेट बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सब्जी लेकर आए किसानों को मुंह पर मास्क या गमछा बांधकर आना जरूरी है।
गांव में महंगे दामों पर मिल रही खाद्य सामग्री
लॉकडाउन का असर गांव में भी देखने को मिल रहा है। इन गांवों में खाद्य सामग्री पर सीधा असर पड़ा है। ग्रामीणों ने बताया कि शकर, आटा और दालों के भाव में 5 से 10 रुपए तक का अंतर देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही सोयाबीन तेल की पांच लीटर की कैन पर दुकानदार 50 रुपए तक ज्यादा ले रहे हैं। इन गांवों में सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
घर बैठे मिल सकेगा भोजन
लगातार लोग मांग कर रहे थे कि उन्हें खाने की परेशानी हो रही है। इन लोगों को लॉक डाउन के चलते काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अभी या तो इन्हें मकान मालिक या कोई पड़ोसी खाना उपलब्ध करा रहा है। इस समस्या को देखते हुए कलेक्टर अजय गुप्ता ने एडीएम वीके चतुर्वेदी को निर्देशित किया कि शहर में जो भी होटल संचालक इस सुविधा को शुरु करना चाहते हैं तो उन्हें पास मुहैया करवाए जाएं।