राजधानी पुलिस जिस प्रकार होम क्वारेंटाइन में रह रहे कोरोना संदिग्ध लोगों की निगरानी के साथ सड़कों पर मुस्तैद है, उससे उनके भी संक्रमित होने की संभावना है। इसे देखते हुए पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। गोविंदपुरा पुलिस लाइन में हाल ही में बनकर तैयार हुए फ्लैट्स में 50 बिस्तर का क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर को लगातार सैनिटाइज भी कराया जा रहा है। हालांकि अब तक एक भी पुलिसकर्मी कोरोना संदिग्ध की श्रेणी में नहीं आया है।
एसपी मुख्यालय धर्मवीर सिंह यादव का कहना है कि पुलिस सीधे तौर पर कोरोना पीड़ित के संपर्क में नहीं है। वार्ड स्तर पर बनी 85 फिजिकल वेरिफिकेशन टीम में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिसकर्मियों को ग्लब्स, सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए गए हैं।
ड्यूटी के दौरान बार-बार घर जाने से बचें, शिफ्ट खत्म होने पर ही जाएं
शहर में ऐसे हालात नहीं है कि पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त ड्यूटी करनी पड़ रही है। एसपी यादव कहते हैं कि पुलिस शिफ्ट में काम कर रही है। उन्हें यह निर्देश जरूर दिए गए हैं कि वे शिफ्ट खत्म होने पर ही घर जाएं। ड्यूटी के दौरान बार-बार घर जाने से बचे। उनको ड्यूटी के दौरान वर्दी बदलने की व्यवस्था की गई है। कोरोना वायरस से बचाव का जो प्रोटोकॉल है, उसका पालन कराया जा रहा है। नगर निगम से थानों और पुलिस लाइन को लगातार सैनिटाइज कराया जा रहा है। पुलिसकर्मियों के लिए दिशा निर्देश जारी हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।
मास्क, सैनिटाइजर व ग्लब्स दिए
ड्यूटी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते हुए उन्हें सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स और साबुन दिया गया है। सभी निर्देश हैं कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान जरूर रखें। समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करें।
जोन स्तर पर बनी हैं 38 टीमें
एसपी यादव ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को घर से लिफ्ट करने के लिए जोन स्तर पर 38 टीम गठित हैं। इसमें नौजवान पुलिसकर्मियों को शामिल किया है। उन्हें पूरी ट्रेनिंग दी गई है। लिफ्ट करने के दौरान सभी को पर्सनल बाॅडी प्रोटेक्टर के साथ ही भेजा जाता है। उन्हें किट उपलब्ध कराई जाती है।